सरस्वती वन्दना

हे हंसवाहिनी, ज्ञान  दायिनी, अम्ब  विमल मति  दे  अम्ब  …………….
जग सिरमौर  बनाये  भारत, वह  बल  विक्रम  दे . वह  बल …….
साहस, शील  हृदय  में  भर  दे , जीवन  त्याग  तपोमय  कर  दे,
सहनशक्ति  स्नेह  का  भर  दे, स्वाभिमान  भर  दे, स्वाभिमान  भर  दे .……..
हे  हंसवाहिनी , ज्ञान  दायिनी , अम्ब  विमल  मति  दे  अम्ब ………….
लव, कुश, ध्रुव, प्रह्लाद  बने  हम, मानवता  का  त्रास  हरें  हम,……..
सीता, सावित्री, दुर्गा  मान  फिर  घर -घर  भर  दे, फिर  घर……..
हे  हंस  वाहिनी, ज्ञान  दायिनी, अम्ब विमल मति दे, अम्ब …….
हे हंसवाहिनी, ज्ञान  दायिनी, अम्ब  विमल मति  दे

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