दतिया जिले की ऐतिहासिक जानकारी

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सुन माता अंजना ध्यान से तेरा लल्ला अखाड़ मे दण्ड पेलता।

दीपावली पे क्यो ना आए पापा अबकी बार॥

जब तक सूरज चंदा चमके तब तक ये हिंदुस्तान रहे।